केन्द्र की मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब समेत देश के किसानों के जबरदस्त आंदोलन व चौथे महीने में जा पहुंचे दिल्ली बाॅर्डर धरनों और साथ ही, चार श्रम कोड व निजीकरण के विरोध में देश के मजदूर-कर्मचारी वर्ग केे तीखे आंदोलन की पृष्ठभूमि में इस बार शहीदे आजम भगत सिंह और उनके साथियों के शहादत दिवस (23 मार्च) कार्यक्रमों ने नई ऊंचाई हासिल कर ली. यह दिन देश को फिर से कंपनी राज के हवाले करने की फासीवादी मुहिम के खिलाफ देश की जनता के युद्धघोष का दिन बन गया.